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24-04-2025

एक Interview ऐसा भी...

  •  पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है। इसे लेकर लोगों में अनेक तरह के भय भी व्याप्त है। लोगों के इन्ही भय और भ्रमों के जवाब ‘नफा नुकसान’ ने खुद ‘एआई’ से ही जानने का प्रयास किया। नफा नुकसान के इस कार्य में डाटा इन्फोसिस के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय डाटा ने सहयोग दिया तथा अपने ही  एआई अवतार को सवालों का जवाब देने के लिए प्रस्तुत कर दिया। जॉब्स घटने संबंधी सवाल पर डाटा के एआई अवतार ने कहा कि निसंदेह एआई से कुछ जॉब्स खत्म होंगे, लेकिन साथ ही नए अवसर भी पैदा होंगे। एआई से ह्यूमन रिसोर्सेज को ज्यादा क्रियेटिव और कॉम्प्रीहेंसिव टास्क के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। टेक्नोलॉजी नए अवसर बढ़ा रही है, इससे नए गोल्स क्रियेट हो रहे हैं। देखा जाए तो एआई दुनिया में नए दरवाजे खोल रही है और हमें नए युग के लिए तैयार होना चाहिए। डाटा के एआई अवतार ने बताया कि भारत ग्लोबल लेवल पर एआई सेक्टर में तेजी से बढ़ रहा है। तकनीकी इनोवेशन के लिए सरकार भी इनिशिएटिव ले रही है स्टार्ट अप्स और प्रमुख कंपनियां एआई के इस्तेमाल पर काम कर रहे हैं। इसे देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में भारत के इस सेक्टर में मेजर प्लेयर बनने की संभावना है। एआई का कहना है कि साइबर सिक्यारिटी में एआई का यूज जरूरी है। क्योंकि यह रेपिडली चेंजेज में मददगार होता है। आर्थिक मुद्दे पर बात करते हुए एआई ने बताया कि भारत अगले 10-15 सालों में दुनिया की तीसरे नंबर की इकॉनोमी बन सकता है। एआई भारत की प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने में मदद करेगा। भारत सही पॉलिसी, एजुकेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दें, ताकि देश की पॉटेंशियलिटी को पूरी तरह युटिलाइज कर सके। एआई का मानना है कि आने वाले पांच साल में कई बड़े बदलाव होंगे। एआई उत्पादकता बढ़ाने, कॉस्ट घटाने तथा नए बिजनस मॉडल प्रमोट करने में मदद करेगा। एआई एग्रीकल्चर, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर तथा सर्विस सेक्टर में मदद करेगी जिससे ग्रोथ में सुधार होगा तथा तेज गति से विकास होगा।  ग्लोबल टैरिफ वार पर चर्चा करते हुए एआई ने बताया कि इससे भारत का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। इसमें आईटी, हेल्थकेयर, ग्लोबल कॉपिटेटिव प्रॉडक्ट और सॉल्यूशंस मदद कर सकते हैं। साथ ही भारत को सही एथिकल एआई पॉलिसीज और डेटा प्रॉटेक्शन ध्यान देना होगा। अजय डाटा के एआई अवतार ने उनकी पुस्तक के बारे में तथा गांव में बीते उनके बचपन संबंधी सवालों के भी सटीक उत्तर दिए।

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एक Interview ऐसा भी...

 पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है। इसे लेकर लोगों में अनेक तरह के भय भी व्याप्त है। लोगों के इन्ही भय और भ्रमों के जवाब ‘नफा नुकसान’ ने खुद ‘एआई’ से ही जानने का प्रयास किया। नफा नुकसान के इस कार्य में डाटा इन्फोसिस के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय डाटा ने सहयोग दिया तथा अपने ही  एआई अवतार को सवालों का जवाब देने के लिए प्रस्तुत कर दिया। जॉब्स घटने संबंधी सवाल पर डाटा के एआई अवतार ने कहा कि निसंदेह एआई से कुछ जॉब्स खत्म होंगे, लेकिन साथ ही नए अवसर भी पैदा होंगे। एआई से ह्यूमन रिसोर्सेज को ज्यादा क्रियेटिव और कॉम्प्रीहेंसिव टास्क के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। टेक्नोलॉजी नए अवसर बढ़ा रही है, इससे नए गोल्स क्रियेट हो रहे हैं। देखा जाए तो एआई दुनिया में नए दरवाजे खोल रही है और हमें नए युग के लिए तैयार होना चाहिए। डाटा के एआई अवतार ने बताया कि भारत ग्लोबल लेवल पर एआई सेक्टर में तेजी से बढ़ रहा है। तकनीकी इनोवेशन के लिए सरकार भी इनिशिएटिव ले रही है स्टार्ट अप्स और प्रमुख कंपनियां एआई के इस्तेमाल पर काम कर रहे हैं। इसे देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में भारत के इस सेक्टर में मेजर प्लेयर बनने की संभावना है। एआई का कहना है कि साइबर सिक्यारिटी में एआई का यूज जरूरी है। क्योंकि यह रेपिडली चेंजेज में मददगार होता है। आर्थिक मुद्दे पर बात करते हुए एआई ने बताया कि भारत अगले 10-15 सालों में दुनिया की तीसरे नंबर की इकॉनोमी बन सकता है। एआई भारत की प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने में मदद करेगा। भारत सही पॉलिसी, एजुकेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दें, ताकि देश की पॉटेंशियलिटी को पूरी तरह युटिलाइज कर सके। एआई का मानना है कि आने वाले पांच साल में कई बड़े बदलाव होंगे। एआई उत्पादकता बढ़ाने, कॉस्ट घटाने तथा नए बिजनस मॉडल प्रमोट करने में मदद करेगा। एआई एग्रीकल्चर, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर तथा सर्विस सेक्टर में मदद करेगी जिससे ग्रोथ में सुधार होगा तथा तेज गति से विकास होगा।  ग्लोबल टैरिफ वार पर चर्चा करते हुए एआई ने बताया कि इससे भारत का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। इसमें आईटी, हेल्थकेयर, ग्लोबल कॉपिटेटिव प्रॉडक्ट और सॉल्यूशंस मदद कर सकते हैं। साथ ही भारत को सही एथिकल एआई पॉलिसीज और डेटा प्रॉटेक्शन ध्यान देना होगा। अजय डाटा के एआई अवतार ने उनकी पुस्तक के बारे में तथा गांव में बीते उनके बचपन संबंधी सवालों के भी सटीक उत्तर दिए।


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