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Daily Business Newspaper
‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’
Grammar is a piano I play by ear. All I know about grammar is its power.
नये पूंजीवादी सिस्टम के सृजन-विसर्जन का आधार बन चुके देश के शेयर बाजारों की चाल व दिशा को जिस तरह हर दिन निकलने के साथ समझना कठिन होता जा रहा है, उसके ढ़ेरों......
कहते हैं कि माया के बढ़ते प्रभाव के कारण आज शत्रुता और मित्रता दोनों झूठी हो चुकी है। लोग लाभ उठाने के लोभ करते हैं और लोभ की पूर्ति के लिये मित्रता। मित्रता...
प्रकृति प्रधान यानि भोग प्रधान समाज व्यवस्था (आवश्यकताओं की पूर्ति) के स्थान पर अर्थ प्रधान विकास से पैदा होने वाली उपभोग एवं विकल्प प्रधान समाज व्यवस्था में...
गत कुछ अर्से से हम सिस्टम में ऐसी प्रक्रिया का गठन होते देख रहे हैं जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति ही हर कुछ माह के अंतराल या सालाना अपना Body Checkup......
जिस प्रकार राजनेताओं के मुंह से निकले हुए विरोधाभासी शब्द सिस्टम में भूचाल लाते हुए आमजन के लिए मनोरंजन का नया माध्यम बनते हुए इन दिनों लोकसभा के चुनावों के......