अमरीका वैसे तो दुनिया के कई देशों के साथ ट्रेड करता है और ट्रम्प टैरिफ को देखें तो चीन, वियतनाम व बांग्लादेश समेत कई देश ऐसे हैं, जिन पर इंडिया की तुलना में अधिक टैरिफ लगाया गया है। ऐसे में अमरीका के लिए इन देशों से इंपोर्ट करना इंडिया की तुलना में महंगा होने वाला है और इसका फ्यूचर में बेनेफिट इंडिया की गारमेंट इंडस्ट्री को मिल सकता है, जिसमें खासकर जयपुर की गारमेंट इंडस्ट्री को वृहद स्तर पर बढ़ावा मिलने की संभावना है। जानकारी के अनुसार अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की है, जो 9 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत अमरीका ने चीन पर कुल 54 फीसदी, वियतनाम पर 46 फीसदी व बांग्लादेश पर 37 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जिसका मतलब है कि इन देशों के प्रोडक्ट अब अमरीकी मार्केट में महंगे हो जाएंगे। वहीं इंडिया की गारमेंट इंडस्ट्री को इससे कम 26 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, जिससे जयपुर समेत ओवरऑल इंडिया की गारमेंट इंडस्ट्री को अमरीकी मार्केट में अधिक बेनेफिट मिलेगा। कुल मिलाकर इन देशों से इंपोर्ट इंडिया की तुलना में महंगा होने वाला है और इसका सबसे बड़ा बेनेफिट इंडिया की गारमेंट कंपनियों को कारोबार में इजाफे के तौर पर मिल सकता है। जयपुर की गारमेंट इंडस्ट्री का दुनिया में बोलबाला : गारमेंट इंडस्ट्री के जानकारों का कहना हैं कि जयपुर की गारमेंट इंडस्ट्री का दुनिया में बोलबाला है। यहां के बने एथेनिक वियर व गारमेंट का अमरीका से लेकर यूरोप मार्केट तक वृहद स्तर पर एक्सपोर्ट होता है। ट्रम्प की टैरिफ नीति के चलते अब जयपुर में निर्मित गारमेंट की अमरीका में डिमांड बढऩे वाली है। इंडिया की गारमेंट इंडस्ट्री में पहले दिल्ली, गुडग़ांव, अहमदाबाद, सूरत, मुंबई, हैदराबाद, चैन्नई, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी व उड़ीसा आदि का बोलबाला रहता था, लेकिन इंडिया की गारमेंट इंडस्ट्री में जयपुर का बोलबाला है। जयपुर की गारमेंट इंडस्ट्री 5 से 7 लाख पीस प्रतिदिन बनाती है। जयपुरी प्रिंट की क्वालिटी बेहतरीन होने से यहां निर्मित लेडीज गारमेंट ने देश-दुनिया में अलग मुकाम हासिल किया है।

