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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-04-2025

ग्लोबल ईवी में लगेगा ग्रोथ का गियर

  •  हालांकि ग्लोबल मार्केट्स खासकर यूरोप और अमेरिका में बैटरी ईवी की सेल्स ग्रोथ में 2024 के दौरान थोड़ी सुस्ती रही। लेकिन माना जा रहा है कि ट्रेड वॉर और जियोपॉलिटिकल तनाव के बावजूद 2025 में बीईवी की सेल्स में 30 परसेंट की ग्रोथ होगी। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी की रिपोर्ट कहती है कि 2024 में हालात कठिन रहने के बावजूद 2025 में ईवी सेल्स में अच्छी ग्रोथ होगी। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में ईवी सेल्स में 36 परसेंट बढ़ेगी। साथ ही भारत और यूरोप में सेल्स वॉल्यूम बढ़ेगा।  एस एंड पी ग्लोबल मोबिलिटी के एनेलिस्ट्स के अनुसार 2025 में इलेक्ट्रिक वेहीकल्स ग्रोथपाथ पर बढ़ते रहेंगे। कुछ कार कंपनियों ने हालांकि अपने ईवी टार्गेट्स को घटाया और कई कंपनियों ने अपने ईवी प्लान्स व प्रॉजेक्ट्स को स्केलबैक (घटाना) कर दिया है। इसके अलावा अमेरिका में ईवी पर मिलने वाले 7500 डॉलर के क्रेडिट  को लेकर ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के दौरान अनिश्चितता पैदा हो जाने जैसे बड़े फैक्टरों के बावजूद ईवी की ग्लोबल सेल में अच्छी ग्रोथ रहेगी। ऑटो रिसर्च एजेंसी के अनुसार अगले साल विश्व स्तर पर सभी इलेक्ट्रिक वेहीकल्स की सेल्स में 29.9 परसेंट की ग्रोथ होने की उम्मीद है। अनुमानों का कहना है कि 2025 में दुनिया भर में 15.1 मिलियन ईवी बेचे जाएंगे। वर्ष 2024 में ग्लोबल मार्केट में 1.16 करोड़ बीईवी बिके थे और इनका मार्केट शेयर 13.2 परसेंट था जो 2025 में बढक़र 16.7 परसेंट हो जाएगा। हालांकि विश्व स्तर पर लाइट मोटर वेहीकल्स (एलएमवी यानी 4 टन से कम ग्रॉस वेट वाले पैसेंजर, पिकअप व लाइट कमर्शियल वेहीकल्स) का  प्रॉडक्शन 0.4 परसेंट गिरकर 8.87 करोड़ यूनिट्स रह जाएगा। एस एंड पी ग्लोबल मोबिलिटी के लिए ग्लोबल लाइट वेहीकल फोरकास्टिंग के एक्जेक्टिव डायरेक्टर मार्क फुलथोर्पे के अनुसार 2025 की शुरुआत से ही ऑटो इंडस्ट्री बड़ी अनिश्चितता से दौर से गुजर रही है। खासकर अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने तो ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री की चूल ही हिला दी हैं। इंटरनेशनल ट्रेड की रफ्तार घटने के कारण ग्लोबल ऑटो मैन्युफैक्चरिंग के हालात बहुत बदल जाएंगे। यदि चीन की तरह अन्य देश भी अमेरिका पर जबावी टैरिफ लगाते हैं तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा ईवी मार्केट बना रहेगा और 2025 की क्लोजिंग 29.7 परसेंट शेयर के साथ होने की उम्मीद है। चीन के बाद अमेरिका का स्थान रहेगा और इसके कुल पीवी मार्केट में ईवी मार्केट  का शेयर 11.2 परसेंट हो जाने की उम्मीद है जो 2024 के मुकाबले 36 परसेंट ज्यादा है। सेंट्रल और वेस्र्न यूरोप में हालांकि बाजार के हालात ज्यादा ठीक नहीं है फिर भी 2025 की क्लोजिंग पिछले वर्ष के मुकाबले 43.4 परसेंट ग्रोथ के साथ 20.4 परसेंट मार्केट शेयर के साथ होगी। भारत में 2025 में ईवी की सेल्स दोगुनी हो जाने की उम्मीद है। 2025 की क्लोजिंग 7.5 परसेंट मार्केट शेयर के साथ होगी जो 12024 के मुकाबले 117 परसेंट की ग्रोथ है। हालांकि एनेलिस्ट्स कहते हैं कि ईवी के रास्ते में सबकुछ हरा नहीं है। क्योंकि अमेरिका की ही तरह यूरोप के मार्केट्स में भी ग्रीन क्रेडिट घट रहे हैं। भारत सरकार ने सब्सिडी बंद कर दी है। ईवी को लेकर थोड़ा कस्टमर परसेप्शन भी ज्यादा भरोसे वाला नहीं रहा है लेकिन भारत में लागू हो रहे कैफे नॉम्र्स के कारण कई नए ईवी मॉडल लॉन्च हो रहे हैं जिनका सेल्स वॉल्यूम के लेवल पर फायदा ही होगा।

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ग्लोबल ईवी में लगेगा ग्रोथ का गियर

 हालांकि ग्लोबल मार्केट्स खासकर यूरोप और अमेरिका में बैटरी ईवी की सेल्स ग्रोथ में 2024 के दौरान थोड़ी सुस्ती रही। लेकिन माना जा रहा है कि ट्रेड वॉर और जियोपॉलिटिकल तनाव के बावजूद 2025 में बीईवी की सेल्स में 30 परसेंट की ग्रोथ होगी। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी की रिपोर्ट कहती है कि 2024 में हालात कठिन रहने के बावजूद 2025 में ईवी सेल्स में अच्छी ग्रोथ होगी। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में ईवी सेल्स में 36 परसेंट बढ़ेगी। साथ ही भारत और यूरोप में सेल्स वॉल्यूम बढ़ेगा।  एस एंड पी ग्लोबल मोबिलिटी के एनेलिस्ट्स के अनुसार 2025 में इलेक्ट्रिक वेहीकल्स ग्रोथपाथ पर बढ़ते रहेंगे। कुछ कार कंपनियों ने हालांकि अपने ईवी टार्गेट्स को घटाया और कई कंपनियों ने अपने ईवी प्लान्स व प्रॉजेक्ट्स को स्केलबैक (घटाना) कर दिया है। इसके अलावा अमेरिका में ईवी पर मिलने वाले 7500 डॉलर के क्रेडिट  को लेकर ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के दौरान अनिश्चितता पैदा हो जाने जैसे बड़े फैक्टरों के बावजूद ईवी की ग्लोबल सेल में अच्छी ग्रोथ रहेगी। ऑटो रिसर्च एजेंसी के अनुसार अगले साल विश्व स्तर पर सभी इलेक्ट्रिक वेहीकल्स की सेल्स में 29.9 परसेंट की ग्रोथ होने की उम्मीद है। अनुमानों का कहना है कि 2025 में दुनिया भर में 15.1 मिलियन ईवी बेचे जाएंगे। वर्ष 2024 में ग्लोबल मार्केट में 1.16 करोड़ बीईवी बिके थे और इनका मार्केट शेयर 13.2 परसेंट था जो 2025 में बढक़र 16.7 परसेंट हो जाएगा। हालांकि विश्व स्तर पर लाइट मोटर वेहीकल्स (एलएमवी यानी 4 टन से कम ग्रॉस वेट वाले पैसेंजर, पिकअप व लाइट कमर्शियल वेहीकल्स) का  प्रॉडक्शन 0.4 परसेंट गिरकर 8.87 करोड़ यूनिट्स रह जाएगा। एस एंड पी ग्लोबल मोबिलिटी के लिए ग्लोबल लाइट वेहीकल फोरकास्टिंग के एक्जेक्टिव डायरेक्टर मार्क फुलथोर्पे के अनुसार 2025 की शुरुआत से ही ऑटो इंडस्ट्री बड़ी अनिश्चितता से दौर से गुजर रही है। खासकर अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने तो ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री की चूल ही हिला दी हैं। इंटरनेशनल ट्रेड की रफ्तार घटने के कारण ग्लोबल ऑटो मैन्युफैक्चरिंग के हालात बहुत बदल जाएंगे। यदि चीन की तरह अन्य देश भी अमेरिका पर जबावी टैरिफ लगाते हैं तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा ईवी मार्केट बना रहेगा और 2025 की क्लोजिंग 29.7 परसेंट शेयर के साथ होने की उम्मीद है। चीन के बाद अमेरिका का स्थान रहेगा और इसके कुल पीवी मार्केट में ईवी मार्केट  का शेयर 11.2 परसेंट हो जाने की उम्मीद है जो 2024 के मुकाबले 36 परसेंट ज्यादा है। सेंट्रल और वेस्र्न यूरोप में हालांकि बाजार के हालात ज्यादा ठीक नहीं है फिर भी 2025 की क्लोजिंग पिछले वर्ष के मुकाबले 43.4 परसेंट ग्रोथ के साथ 20.4 परसेंट मार्केट शेयर के साथ होगी। भारत में 2025 में ईवी की सेल्स दोगुनी हो जाने की उम्मीद है। 2025 की क्लोजिंग 7.5 परसेंट मार्केट शेयर के साथ होगी जो 12024 के मुकाबले 117 परसेंट की ग्रोथ है। हालांकि एनेलिस्ट्स कहते हैं कि ईवी के रास्ते में सबकुछ हरा नहीं है। क्योंकि अमेरिका की ही तरह यूरोप के मार्केट्स में भी ग्रीन क्रेडिट घट रहे हैं। भारत सरकार ने सब्सिडी बंद कर दी है। ईवी को लेकर थोड़ा कस्टमर परसेप्शन भी ज्यादा भरोसे वाला नहीं रहा है लेकिन भारत में लागू हो रहे कैफे नॉम्र्स के कारण कई नए ईवी मॉडल लॉन्च हो रहे हैं जिनका सेल्स वॉल्यूम के लेवल पर फायदा ही होगा।


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