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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-04-2025

चायनीज कंपनियों ने इंडिया को दिया डिस्काउंट का ऑफर

  •  ट्रंप टैरिफ के इतने फास्ट्रेक नतीजे की उम्मीद नहीं की थी। लेकिन चीन की कंपनियों ने भारत को डिस्काउंट ऑफर करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की कंज्यूमर ड्यूरेबल (एप्लायंस) और इलेक्ट्रॉनिक्स की कंपनियों ने भारत को 5 परसेंट का स्पेशल डिस्काउंट देने का प्रस्ताव दिया है। चीन की कंपनियां अमेरिकी मार्केट के दरवाजे बंद हो जाने के कारण पहले ही गोस्लो (प्रॉडक्शन घटाना) की स्ट्रेटेजी को लागू कर चुकी हैं। अमेरिका के कंज्यूमर ड्यूरेबल और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में चीनी कंपनियों का शेयर 20 परसेंट से ज्यादा है। साथ ही रिपोर्ट यह भी है कि चीन की इलेक्ट्रॉनिक्स और एप्लायंस की कंपोनेंट वेंडर कंपनियों ने सोर्सिंग कॉन्ट्रेक्ट से भी आगे बढक़र 5 परसेंट का रेटकट का ऑफर दिया है। अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप ने चीन में बने आइटम्स पर 125 परसेंट टैरिफ लगाने की घोषणा की है। साथ ही वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड आदि उन देशों को भी हाई टैरिफ स्लैब में रखा है जो चीन के प्रॉडक्ट्स को अमेरिका रीरूट करने का काम करते हैं। आप जानते ही हैं पिछले दिनों भारत सरकार ने एयर कंडीशनर कंपनियों की कंपोनेंट शॉर्टेज की शिकायत को देखते हुए 30 जून तक के लिए बीआईएस सर्टिफिकेशन  की शर्त को हटा लिया था। लेकिन अब माना जा रहा है कि कंपोनेंट सप्लाई तो बेहतर होगी ही चीन के कंपोनेंट वेंडर्स के डिस्काउंट ऑफर करने से भारत की कंपनियों के हाथ बचत का नया बोनां•ाा लग सकता है। माना जा रहा है कि चीनी कंपनियों के इस ऑफर से टेलीविजन, मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और एसी कंपनियों के मुनाफे में 2-3 परसेंट की बढ़ोतरी हो सकती है। भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चीनी कंपोनेंंट्स और इनपुट का शेयर 75 परसेंट तक है। आपको याद होगा फरवरी में चीन ने स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग की मशीनों के भारत को एक्सपोर्ट को कई-कई महीने तक रोक रखा था। प्रॉजेक्ट्स और प्रॉडक्शन प्लान में हो रही देरी के कारण आखिर इन कंपनियों को भारत सरकार से दखल देने की मांग करनी पड़ी थी। जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट इंपोर्ट 36.7 परसेंट बढक़र 34.4 बिलियन डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 19 में यह केवल 15.8 बिलियन डॉलर ही था। भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम की घोषणा के बाद 2030 तक लोकल कंपोनेंट्स और सब-असेंबली मैन्युफैक्चरिंग 145-155 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत सेमीकंडक्टर चिप्स, कंप्रेसर, इनर ग्रूव्ड कॉपर ट्यूब, ओपन सेल टेलीविजन पैनल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, बैटरी सेल, डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा मॉड्यूल और फ्लेक्सिबल प्रिंटेड सर्किट सहित जरूरी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का इंपोर्ट करता है।

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चायनीज कंपनियों ने इंडिया को दिया डिस्काउंट का ऑफर

 ट्रंप टैरिफ के इतने फास्ट्रेक नतीजे की उम्मीद नहीं की थी। लेकिन चीन की कंपनियों ने भारत को डिस्काउंट ऑफर करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की कंज्यूमर ड्यूरेबल (एप्लायंस) और इलेक्ट्रॉनिक्स की कंपनियों ने भारत को 5 परसेंट का स्पेशल डिस्काउंट देने का प्रस्ताव दिया है। चीन की कंपनियां अमेरिकी मार्केट के दरवाजे बंद हो जाने के कारण पहले ही गोस्लो (प्रॉडक्शन घटाना) की स्ट्रेटेजी को लागू कर चुकी हैं। अमेरिका के कंज्यूमर ड्यूरेबल और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में चीनी कंपनियों का शेयर 20 परसेंट से ज्यादा है। साथ ही रिपोर्ट यह भी है कि चीन की इलेक्ट्रॉनिक्स और एप्लायंस की कंपोनेंट वेंडर कंपनियों ने सोर्सिंग कॉन्ट्रेक्ट से भी आगे बढक़र 5 परसेंट का रेटकट का ऑफर दिया है। अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप ने चीन में बने आइटम्स पर 125 परसेंट टैरिफ लगाने की घोषणा की है। साथ ही वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड आदि उन देशों को भी हाई टैरिफ स्लैब में रखा है जो चीन के प्रॉडक्ट्स को अमेरिका रीरूट करने का काम करते हैं। आप जानते ही हैं पिछले दिनों भारत सरकार ने एयर कंडीशनर कंपनियों की कंपोनेंट शॉर्टेज की शिकायत को देखते हुए 30 जून तक के लिए बीआईएस सर्टिफिकेशन  की शर्त को हटा लिया था। लेकिन अब माना जा रहा है कि कंपोनेंट सप्लाई तो बेहतर होगी ही चीन के कंपोनेंट वेंडर्स के डिस्काउंट ऑफर करने से भारत की कंपनियों के हाथ बचत का नया बोनां•ाा लग सकता है। माना जा रहा है कि चीनी कंपनियों के इस ऑफर से टेलीविजन, मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और एसी कंपनियों के मुनाफे में 2-3 परसेंट की बढ़ोतरी हो सकती है। भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चीनी कंपोनेंंट्स और इनपुट का शेयर 75 परसेंट तक है। आपको याद होगा फरवरी में चीन ने स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग की मशीनों के भारत को एक्सपोर्ट को कई-कई महीने तक रोक रखा था। प्रॉजेक्ट्स और प्रॉडक्शन प्लान में हो रही देरी के कारण आखिर इन कंपनियों को भारत सरकार से दखल देने की मांग करनी पड़ी थी। जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट इंपोर्ट 36.7 परसेंट बढक़र 34.4 बिलियन डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 19 में यह केवल 15.8 बिलियन डॉलर ही था। भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम की घोषणा के बाद 2030 तक लोकल कंपोनेंट्स और सब-असेंबली मैन्युफैक्चरिंग 145-155 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत सेमीकंडक्टर चिप्स, कंप्रेसर, इनर ग्रूव्ड कॉपर ट्यूब, ओपन सेल टेलीविजन पैनल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, बैटरी सेल, डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा मॉड्यूल और फ्लेक्सिबल प्रिंटेड सर्किट सहित जरूरी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का इंपोर्ट करता है।


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