इंफोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति ने यह कहकर बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया कि चीन की तरह विकसित होने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना पड़ेगा। इस बहस में एलएंडटी के चेयरमैन एलएन सुब्रमणियन तो यहां तक पहुंच गए...बीवी को कब तक घूरोगे। इन दोनों ही दिग्गजों को ट्रोल आर्मी ने इतना खदेड़ा कि क्या कहें। लेकिन माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स का इस बारे में बिल्कुल अलग मानना है। वे मानते हैं कि सिर्फ 10 साल में हालात इतने बदल जाएंगे कि सप्ताह में सिर्फ दो दिन की काम करने की जरूरत होगी। बिल गेट्स के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी अधिकतर नौकरियां खा जाएगी और मैनपावर की जरूरत काफी कम हो जाएगी। लोगों के काम करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल जाएगा। उनकी इस भविष्यवाणी ने उत्पादकता, रोजगार और रोजाना की लोगों की जिंदगी में एआई की भूमिका को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। बिल गेट्स ने बताया कि साल 2022 में ओपन एआई के चैटजीपीटी के आने के बाद से लोगों की सोच और उनके काम को एआई ने बदल दिया है। आज एआई चैटबॉट्स जैसे- जेमिनी, ग्रोक और डीपसीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। कई पेशेवर इन बातों से चिंतिंत है कि अलग-अलग उद्योगों में नौकरियां जा सकती है। बिल गेट्स का तो यहां तक मानना है कि कुछ क्षेत्रों में एआई, लोगों से कहीं बेहतर परफॉर्म कर सकती है। हालांकि सप्ताह में कुछ ही दिन काम करने का उनका ये आइडिया कोई नया नहीं है। साल 2023 में जब एआई टूल चैटजीपीटी पॉपुलर हुआ था, उस समय उन्होंने ये सलाह दी थी कि लोग हफ्ते में तीन दिन कम पर शिफ्ट हो सकते हैं।