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12-04-2025

शेयर बाजारों में गिरावट का SIP इन्फ्लो पर नहीं पड़ा कोई खास इंपैक्ट

  •  म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए मार्च में 25,926 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड (एम्फी) की ओर से शुक्रवार को जारी डेटा में दी गई। बीते महीने एसआईपी के जरिए निवेश में मामूली गिरावट दर्ज की गई है और यह फरवरी में 25,999 करोड़ रुपये था। एसआईपी में लगातार निवेश आना दिखाता है कि लोग लंबी अवधि के नजरिए शेयर बाजार में अनुशासित तरीके से निवेश कर रहे हैं। मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल 25,082 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया है। फरवरी में यह आंकड़ा 29,303 करोड़ रुपये थाबीते महीने स्मॉलकैप फंड्स में 4,092 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है, जो कि फरवरी में 3,722 करोड़ रुपये था। वहीं, मिडकैप फंड्स में 3,438 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया है। फरवरी में यह आंकड़ा 3,407 करोड़ रुपये पर था। मार्च में लार्जकैप फंड्स में इनफ्लो 2,479 करोड़ रुपये रहा है, जो कि फरवरी में 2,866 करोड़ रुपये था। लार्जकैप और मिडकैप फंड में 2,718 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। फरवरी में यह आंकड़ा 2,656 करोड़ रुपये था। इसके अतिरिक्त, बीते महीने फ्लेक्सी कैप फंड में सबसे अधिक 5,615 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। फरवरी में इस कैटेगरी में 5,104 करोड़ रुपये का निवेश आया था। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सभी 11 इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी में इनफ्लो सकारात्मक रहा है। इस कारण मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का असेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 7.6 प्रतिशत बढक़र 29.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, मार्च में डेब्ट म्यूचुअल फंड्स में 2.02 लाख करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला है, जो कि फरवरी के 6,525 करोड़ रुपये के आउटफ्लो के मुकाबले काफी अधिक है। इक्विटी में इनफ्लो बढऩे के कारण भारत की म्युचूअल फंड इंडस्ट्री की असेट्स अंडर मैनेजमेंट 1.87 प्रतिशत बढक़र 65.74 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

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शेयर बाजारों में गिरावट का SIP इन्फ्लो पर नहीं पड़ा कोई खास इंपैक्ट

 म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए मार्च में 25,926 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड (एम्फी) की ओर से शुक्रवार को जारी डेटा में दी गई। बीते महीने एसआईपी के जरिए निवेश में मामूली गिरावट दर्ज की गई है और यह फरवरी में 25,999 करोड़ रुपये था। एसआईपी में लगातार निवेश आना दिखाता है कि लोग लंबी अवधि के नजरिए शेयर बाजार में अनुशासित तरीके से निवेश कर रहे हैं। मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल 25,082 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया है। फरवरी में यह आंकड़ा 29,303 करोड़ रुपये थाबीते महीने स्मॉलकैप फंड्स में 4,092 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है, जो कि फरवरी में 3,722 करोड़ रुपये था। वहीं, मिडकैप फंड्स में 3,438 करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया है। फरवरी में यह आंकड़ा 3,407 करोड़ रुपये पर था। मार्च में लार्जकैप फंड्स में इनफ्लो 2,479 करोड़ रुपये रहा है, जो कि फरवरी में 2,866 करोड़ रुपये था। लार्जकैप और मिडकैप फंड में 2,718 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। फरवरी में यह आंकड़ा 2,656 करोड़ रुपये था। इसके अतिरिक्त, बीते महीने फ्लेक्सी कैप फंड में सबसे अधिक 5,615 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया है। फरवरी में इस कैटेगरी में 5,104 करोड़ रुपये का निवेश आया था। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सभी 11 इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी में इनफ्लो सकारात्मक रहा है। इस कारण मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का असेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 7.6 प्रतिशत बढक़र 29.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, मार्च में डेब्ट म्यूचुअल फंड्स में 2.02 लाख करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला है, जो कि फरवरी के 6,525 करोड़ रुपये के आउटफ्लो के मुकाबले काफी अधिक है। इक्विटी में इनफ्लो बढऩे के कारण भारत की म्युचूअल फंड इंडस्ट्री की असेट्स अंडर मैनेजमेंट 1.87 प्रतिशत बढक़र 65.74 लाख करोड़ रुपये हो गई है।


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