पोस्ट-कोविड एम्प्लॉइज जब ऑफिस आये तो समय के साथ ऑफिस का इन्फ्रास्ट्रक्चर बदलता हुआ महसूस हुआ। पारम्परिक रूप से ऑफिस की कल्पना करने पर ऐसा हॉल या कमरा मन में आता है जो कुर्सी, टेबल से भरा होता है लेकिन यह कल्पना अब पुरानी हो गई है। कोविड के दौरान एम्प्लॉइज ने वर्क फ्रॉम होम किया और ऐसे में उन्हें घर के माहौल की आदत हो गई। इसलिये अब वर्कस्पेसेज में भी सॉफ्ट सोफा, सेंटर टेबल, वाकिंग स्पेस, ऑडियो सॉल्यूशन, प्राइवेट स्पेस आदि को स्पेस दिया जा रहा है। गोदरेज इंटीरियो के सीनियर वाइस पे्रसीडेंट और बीटूबी बिजनेस हैड ने कहा है कि प्रयास एम्प्लॉइज को घर जैसा वातावरण देने का है और इसलिये ऐसा फर्नीचर ऑफिस में प्लेस किया जा रहा है। उनके अनुसार वर्कस्पेसेज में टेक्नोलॉजी का इंटीगे्रशन भी काफी वृहद स्तर पर हो गया है। जैसे कि वीडियो कॉन्फे्रंसिंग जरूरत बन गई है, प्री-कोविड यह इतनी जरूरी नहीं होती थी। अब कार्यालयों में विज्युअल प्राइवेसी, एकॉस्टिक प्राइवेसी की डिमांड बढ़ रही है। एक मीटिंग रूम को लर्निंग ट्रेनिंग रूम और फिर शाम को पार्टी एरिया बना दिया जाता है। वर्तमान में इन्स्टीट्यूशनल फर्नीचर इंडस्ट्री का मार्केट साइज 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये है। गोदरेज इंटीरियो पैन इन्डिया करीब 15 प्रतिशत का मार्केट शेयर रखता है। मार्च, 2025 तक कम्पनी करीब 3,500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू लेने का अनुमान लगा रही है। वे ऑफिस, हैल्थकेयर और एज्यूकेशन सेगमेंट में उपस्थित है। बीटूबी सेगमेंट करीब सत्तर प्रतिशत का योगदान कर रहा है। तीनों ही वर्टीकल्स में बिजनेस को आगे बढ़ा रहे हैं। नये स्पेस में काम करने के लिये दो प्रकार की पेटेंटेड चेयर्स काम ली जा रही हैं। एक तो मोशन चेयर और दूसरी पोश्चर परफेक्ट चेयर। मोशन चेयर थ्री-डायमेंशनल बॉडी मूवमेंट में मदद करती है, पोश्चर चेयर रीढ़ की हड्डी और पूरी कमर को सपोर्ट देने में मदद करती है। तमिलनाडु में मार्केट पांच से सात प्रतिशत पर स्थिर है लेकिन अब कम्पनी को दोगुनी दर से बढऩे की उम्मीद है। तमिलनाडू में अनेक रियल एस्टेट कन्सल्टेंट्स आ रहे हैं और ऐसे में करीब 12 मिलियन स्कवायर फुट की स्पेस 2025 से 2026 के बीच शामिल होने की सम्भावना है। उल्लेखनीय है कि कम्पनी के मुम्बई के पास खालापुर, पुणे के पास शिरवाल, हरिद्वार में उत्पादन केन्द्र हैं। चेन्नई में मद्रास एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन में एक एक्सपोर्ट यूनिट है। करीब 36 देशों को प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किये जा रहे हैं।