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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

22-04-2025

Bumper रिजल्ट डिक्लेयर कर रही हैं Transformer कंपनियां

  • देश के पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन में ट्रांसफॉर्मर मेन्यूफेक्चरर कंपनियां क्रिटिकल प्लेयर बनकर उभर रही हैं। यही कारण है कि पूरे ट्रांसफॉर्मर इकोसिस्टम पर इंवेस्टरों की नजर है। जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर व फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए भी ट्रांसफॉर्मर कंपनियों ने जबर्दस्त फाइनेंशियल परफोर्मेंस रिपोर्ट किया है। क्यों बढ़ रही है ट्रांसफॉर्मर्स की डिमांड : इंडिया ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट की रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का टार्गेट रखा है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथोरिटी का अनुमान है कि 2030 तक देश में पॉवर सब-स्टेशनों की कैपेसिटी 2022 में 4.82 लाख Mega Volt Empere (MVA) से बढक़र 6.24 लाख रूङ्क्र हो जाएगी। इसी दौरान देश की कुल इंस्टॉल्ड पॉवर जनरेशन कैपेसिटी भी 786 गीगावाट हो जाने का अनुमान है जिसमें 67 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन रीन्यूएबल सोर्सेज का रहेगा। इस व्यापक ट्रांजीशन के कारण ही पॉवर जनरेशन को कंजंप्शन से कनेक्ट करने का काम करने वाले ट्रांसफॉर्मर्स की डिमांड तेजी से बढऩे की उम्मीद है। यही कारण है कि लंबे समय बाद इंडियन ट्रांसफॉर्मर कंपनियां बड़े कैपेक्स प्लान घोषित कर रही हैं। इसके अलावा रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, ग्रीन हाइड्रोजन पुश, इलेक्ट्रोलाइजर्स व बढ़ती एक्सपोर्ट डिमांड के कारण भी ट्रांसफॉर्मर इंडस्ट्री के सामने व्यापक डिमांड पर लिमिटेड सप्लाई की स्थिति बनी हुई है। अब तक 2 ट्रांसफॉर्मर कंपनियों ने 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए क्वार्टर व फाइनेंशियल ईयर के लिए फाइनेंशियल रिजल्ट्स घोषित किए हैं। इस सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टीफॉयर्स इंडिया लि. की 2024-25 में रेवेन्यू जहां 56 प्रतिशत बढक़र 2019 करोड़ रुपये रही वहीं ओपरेटिंग प्रॉफिट 144 प्रतिशत बढक़र 327 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के ओपरेटिंग मार्जिन जहां इस दौरान 10 प्रतिशत से बढक़र 16.1 प्रतिशत हो गए वहीं नेट प्रॉफिट 4 गुना होकर 216 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। कंपनी अपनी कैपेसिटी को अगले 12-18 महिनों में 40000 रूङ्क्र से बढ़ाकर 75,000 रूङ्क्र करने का टार्गेट लेकर चल रही है। कंपनी की 31 मार्च 2025 को ऑर्डर बुक 5100 करोड़ रुपये थी। कंपनी मेनेजमेंट 2027-28 तक रेवेन्यू को वर्तमान 235 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1 बिलियन डॉलर के लेवल तक ले जाने की योजना रखता है। इसी तरह शिलचर टेक्नोलॉजी लि. की बात करें तो 2024-25 में कंपनी की रेवेन्यू 56 प्रतिशत बढक़र 640 करोड़ रुपये व नेट प्रॉफिट 60 प्रतिशत बढक़र 147 करोड़ रुपये हो गया। मार्च 2025 क्वार्टर में देखें तो कंपनी की रेवेन्यू 105 करोड़ से बढक़र 232 करोड़ रुपये व नेट प्रॉफिट 25 करोड़ से बढक़र 55 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी की नई कैपेसिटी कमीशन हो चुकी है जिसका पॉजिटिव इंपैक्ट कंपनी के फाइनेंशियल परफोर्मेंस पर देखने को मिल रहा है। कंपनी ने 2 शेयरों के बदले 1 बोनस शेयर इश्यू करने की भी घोषणा की है। पिछले 3 वर्ष में शिलचर टेक्नोलॉजी लि. के शेयर 2942 प्रतिशत बढक़र वर्तमान में 6389 रुपये पर व ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टीफॉयर्स इंडिया लि. के शेयर 2800 प्रतिशत बढक़र वर्तमान में 551 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं।

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Bumper रिजल्ट डिक्लेयर कर रही हैं Transformer कंपनियां

देश के पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन में ट्रांसफॉर्मर मेन्यूफेक्चरर कंपनियां क्रिटिकल प्लेयर बनकर उभर रही हैं। यही कारण है कि पूरे ट्रांसफॉर्मर इकोसिस्टम पर इंवेस्टरों की नजर है। जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर व फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए भी ट्रांसफॉर्मर कंपनियों ने जबर्दस्त फाइनेंशियल परफोर्मेंस रिपोर्ट किया है। क्यों बढ़ रही है ट्रांसफॉर्मर्स की डिमांड : इंडिया ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट की रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का टार्गेट रखा है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथोरिटी का अनुमान है कि 2030 तक देश में पॉवर सब-स्टेशनों की कैपेसिटी 2022 में 4.82 लाख Mega Volt Empere (MVA) से बढक़र 6.24 लाख रूङ्क्र हो जाएगी। इसी दौरान देश की कुल इंस्टॉल्ड पॉवर जनरेशन कैपेसिटी भी 786 गीगावाट हो जाने का अनुमान है जिसमें 67 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन रीन्यूएबल सोर्सेज का रहेगा। इस व्यापक ट्रांजीशन के कारण ही पॉवर जनरेशन को कंजंप्शन से कनेक्ट करने का काम करने वाले ट्रांसफॉर्मर्स की डिमांड तेजी से बढऩे की उम्मीद है। यही कारण है कि लंबे समय बाद इंडियन ट्रांसफॉर्मर कंपनियां बड़े कैपेक्स प्लान घोषित कर रही हैं। इसके अलावा रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, ग्रीन हाइड्रोजन पुश, इलेक्ट्रोलाइजर्स व बढ़ती एक्सपोर्ट डिमांड के कारण भी ट्रांसफॉर्मर इंडस्ट्री के सामने व्यापक डिमांड पर लिमिटेड सप्लाई की स्थिति बनी हुई है। अब तक 2 ट्रांसफॉर्मर कंपनियों ने 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए क्वार्टर व फाइनेंशियल ईयर के लिए फाइनेंशियल रिजल्ट्स घोषित किए हैं। इस सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टीफॉयर्स इंडिया लि. की 2024-25 में रेवेन्यू जहां 56 प्रतिशत बढक़र 2019 करोड़ रुपये रही वहीं ओपरेटिंग प्रॉफिट 144 प्रतिशत बढक़र 327 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के ओपरेटिंग मार्जिन जहां इस दौरान 10 प्रतिशत से बढक़र 16.1 प्रतिशत हो गए वहीं नेट प्रॉफिट 4 गुना होकर 216 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। कंपनी अपनी कैपेसिटी को अगले 12-18 महिनों में 40000 रूङ्क्र से बढ़ाकर 75,000 रूङ्क्र करने का टार्गेट लेकर चल रही है। कंपनी की 31 मार्च 2025 को ऑर्डर बुक 5100 करोड़ रुपये थी। कंपनी मेनेजमेंट 2027-28 तक रेवेन्यू को वर्तमान 235 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1 बिलियन डॉलर के लेवल तक ले जाने की योजना रखता है। इसी तरह शिलचर टेक्नोलॉजी लि. की बात करें तो 2024-25 में कंपनी की रेवेन्यू 56 प्रतिशत बढक़र 640 करोड़ रुपये व नेट प्रॉफिट 60 प्रतिशत बढक़र 147 करोड़ रुपये हो गया। मार्च 2025 क्वार्टर में देखें तो कंपनी की रेवेन्यू 105 करोड़ से बढक़र 232 करोड़ रुपये व नेट प्रॉफिट 25 करोड़ से बढक़र 55 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी की नई कैपेसिटी कमीशन हो चुकी है जिसका पॉजिटिव इंपैक्ट कंपनी के फाइनेंशियल परफोर्मेंस पर देखने को मिल रहा है। कंपनी ने 2 शेयरों के बदले 1 बोनस शेयर इश्यू करने की भी घोषणा की है। पिछले 3 वर्ष में शिलचर टेक्नोलॉजी लि. के शेयर 2942 प्रतिशत बढक़र वर्तमान में 6389 रुपये पर व ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टीफॉयर्स इंडिया लि. के शेयर 2800 प्रतिशत बढक़र वर्तमान में 551 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं।


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