इन्डिया में राष्ट्रीय जलमार्गों पर ट्रैफिक में इस वर्ष ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में नदियों के रास्ते सफर करने वाले पैसेंजर्स की संख्या 7.64 करोड़ तक पहुंच गई। गत वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.61 करोड़ था, यानी एक साल में लगभग 5 गुना वृद्धि दर्ज हुई है। मंत्री ने अपनी लिखित प्रतिक्रिया में बताया कि न सिर्फ यात्री संख्या, बल्कि राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल ढुलाई भी गत पांच वर्षों में दोगुनी हो गई है। 2020-21 में जहां 83.6 मिलियन टन माल का परिवहन हुआ था, वहीं 2024-25 में यह बढक़र 145.84 मिलियन टन पर पहुंच गया। सरकार ने अंतर्देशीय जल परिवहन को और सशक्त करने के लिए जलवाहक योजना शुरू की है। यह योजना 2024-25 से 2026-27 तक तीन वर्षों के लिए 95.42 करोड़ रुपए की लागत से चलाई जा रही है। इसके तहत जलमार्गों पर माल ढुलाई करने वाले कार्गो मालिकों को उनके वास्तविक परिचालन खर्च का 35 प्रतिशत तक वित्तीय प्रोत्साहन सीधे दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, इनलैंड एंड कोस्टल शिपिंग लिमिटेड (आईसीएसएल) के माध्यम से निर्धारित जल परिवहन सेवाएं भी शुरू की गई हैं। इनमें कोलकाता-वाराणसी/पटना, कोलकाता-गुवाहाटी (आईबीपी मार्ग), और कोलकाता-करीमगंज/बदरपुर (आईबीपी मार्ग) के बीच परिचालन शामिल है। जलवाहक योजना फिलहाल एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 पर 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी वाली लंबी यात्रा पर लागू होती है।