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15-12-2025

क्रिसमस पूर्व भारत में बनी ज्वैलरी की डिमांड बढ़ी

  •  भारत में बने रत्नों और आभूषणों का एक्सपोर्ट नवंबर में 19 प्रतिशत बढक़र 2.52 बिलियन डॉलर हो गया है, जो कि एक साल पहले 2.09 बिलियन डॉलर था। इसकी वजह तराशे और पॉलिश किए गए हीरे, सोना, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों की डिमांड में इजाफा होना है। इस साल नवंबर निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी की वजह कम आधार होना है। कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका और चीन में क्रिसमस की मजबूत डिमांड के कारण एक्सपोर्ट में तेज वृद्धि देखी जा रही है। अप्रैल-नवंबर की अवधि में एक्सपोर्ट 18.86 बिलियन डॉलर के साथ सपाट रहा है, जबकि 2024 में यह 18.85 बिलियन डॉलर था। अप्रैल-नवंबर के आंकड़ों से सीजनल मांग और वैश्विक बाजार के रुझानों के कारण धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिले हैं। विश्लेषकों ने कहा कि लैब में उत्पादित हीरे (एलजीडी) के आभूषणों की डिमांड में भी अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। नवंबर में इनका निर्यात 10 प्रतिशत बढक़र 76 मिलियन डॉलर हो गया, हालांकि, अप्रैल-नवंबर में यह 11 प्रतिशत घटकर 757 मिलियन डॉलर रह गया था। कट और पॉलिश किए गए हीरे (सीपीडी) का निर्यात नवंबर में 38 प्रतिशत बढक़र 919.74 मिलियन डॉलर हो गया। नवंबर में सोने के आभूषणों का निर्यात 1.21 बिलियन डॉलर रहा, जो गत वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम है। जड़े हुए सोने के आभूषणों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, नवंबर में इनकी बिक्री 49.24 प्रतिशत बढक़र 828 मिलियन डॉलर हो गई। सादे सोने के आभूषणों का निर्यात इस माह 42.17 प्रतिशत गिरकर 390 मिलियन डॉलर रह गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर की अवधि में इसमें 14.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 3.53 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमतों में 44 प्रतिशत की वृद्धि का इसमें सबसे अधिक योगदान रहा। चांदी के आभूषणों की बिक्री नवंबर में 209 प्रतिशत बढक़र 198 मिलियन डॉलर हो गई और अप्रैल-नवंबर की अवधि में यह 29.69 प्रतिशत बढक़र 930 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। नवंबर में प्लैटिनम के आभूषणों का निर्यात लगभग दोगुना होकर 2024 के 15 मिलियन डॉलर से 30 मिलियन डॉलर हो गया।

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क्रिसमस पूर्व भारत में बनी ज्वैलरी की डिमांड बढ़ी

 भारत में बने रत्नों और आभूषणों का एक्सपोर्ट नवंबर में 19 प्रतिशत बढक़र 2.52 बिलियन डॉलर हो गया है, जो कि एक साल पहले 2.09 बिलियन डॉलर था। इसकी वजह तराशे और पॉलिश किए गए हीरे, सोना, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों की डिमांड में इजाफा होना है। इस साल नवंबर निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी की वजह कम आधार होना है। कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका और चीन में क्रिसमस की मजबूत डिमांड के कारण एक्सपोर्ट में तेज वृद्धि देखी जा रही है। अप्रैल-नवंबर की अवधि में एक्सपोर्ट 18.86 बिलियन डॉलर के साथ सपाट रहा है, जबकि 2024 में यह 18.85 बिलियन डॉलर था। अप्रैल-नवंबर के आंकड़ों से सीजनल मांग और वैश्विक बाजार के रुझानों के कारण धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिले हैं। विश्लेषकों ने कहा कि लैब में उत्पादित हीरे (एलजीडी) के आभूषणों की डिमांड में भी अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। नवंबर में इनका निर्यात 10 प्रतिशत बढक़र 76 मिलियन डॉलर हो गया, हालांकि, अप्रैल-नवंबर में यह 11 प्रतिशत घटकर 757 मिलियन डॉलर रह गया था। कट और पॉलिश किए गए हीरे (सीपीडी) का निर्यात नवंबर में 38 प्रतिशत बढक़र 919.74 मिलियन डॉलर हो गया। नवंबर में सोने के आभूषणों का निर्यात 1.21 बिलियन डॉलर रहा, जो गत वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम है। जड़े हुए सोने के आभूषणों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, नवंबर में इनकी बिक्री 49.24 प्रतिशत बढक़र 828 मिलियन डॉलर हो गई। सादे सोने के आभूषणों का निर्यात इस माह 42.17 प्रतिशत गिरकर 390 मिलियन डॉलर रह गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर की अवधि में इसमें 14.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 3.53 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमतों में 44 प्रतिशत की वृद्धि का इसमें सबसे अधिक योगदान रहा। चांदी के आभूषणों की बिक्री नवंबर में 209 प्रतिशत बढक़र 198 मिलियन डॉलर हो गई और अप्रैल-नवंबर की अवधि में यह 29.69 प्रतिशत बढक़र 930 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। नवंबर में प्लैटिनम के आभूषणों का निर्यात लगभग दोगुना होकर 2024 के 15 मिलियन डॉलर से 30 मिलियन डॉलर हो गया।


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