‘अमूल’ ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों की बिक्री करने वाली- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) ने गत वित्त वर्ष में अपने कारोबार में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। मुख्य रूप से सभी श्रेणियों में मात्रा में वृद्धि के कारण कंपनी का कारोबार बढक़र 65,911 करोड़ रुपये हो गया है। अमूल के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने यह जानकारी दी। जीसीएमएमएफ का कारोबार 2023-24 में आठ प्रतिशत बढक़र 59,259 करोड़ रुपये रहा था। उनके अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान हमारा रेवेन्यू 11 प्रतिशत बढक़र 65,911 करोड़ रुपये हो गया। हमने सभी उत्पाद श्रेणियों में डबल डिजिट में वृद्धि हासिल की है। कुल मिलाकर अमूल ब्रांड का रेवेन्यू 2023-24 के 80,000 करोड़ रुपये से बढक़र 2024-25 में 12 प्रतिशत बढक़र 90,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जीसीएमएमएफ दुनिया की सबसे बड़ी किसान-स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था है, जिसके गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख किसान शामिल हैं और इसके 18 सदस्य संघ प्रतिदिन 300 लाख लीटर दूध खरीदते हैं। ये 18 सदस्य संघ जीसीएमएमएफ नेटवर्क का उपयोग किए बिना सीधे अपने स्थानीय बाजारों में अमूल डेयरी उत्पाद बेचते हैं। जीसीएमएमएफ के बारे में बताते हुए मेहता ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पिछली दो तिमाहियों में अच्छी वृद्धि हुई है। जीसीएमएमएफ के कारोबार में वृद्धि काफी हद तक मात्रा में हुई वृद्धि से प्रेरित थी। हमने कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की। उन्होंने कहा कि गत वर्ष जून में ही उत्पादन की लागत में वृद्धि के कारण दूध की कीमतें बढ़ाई गई थीं। इस साल जनवरी में, जीसीएमएमएफ ने उपभोक्ताओं को बड़े पैक खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पूरे भारत में एक लीटर पैक की कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। कंपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए क्षमता का विस्तार करना जारी रखेगी। इंटरनेशनल फार्म कंपेरिजन नेटवर्क (आईएफसीएन) के अनुसार, दूध प्रसंस्करण के मामले में यह दुनिया की शीर्ष 20 डेयरी कंपनियों में 8वें स्थान पर है। घरेलू बाजार के अलावा, जीसीएमएमएफ लगभग 50 देशों को डेयरी उत्पादों का निर्यात कर रही है। गत वर्ष जीसीएमएमएफ ने भारतीय प्रवासियों और एशियाई आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए ताजा दूध के चार संस्करण पेश करके अमेरिकी बाजार में प्रवेश किया था।