ट्रंप ने चीन पर 245 परसेंट टैरिफ लगाकर टैरिफ पर चल रहे टग ऑफ वॉर को नई दिशा में मोड़ दिया है। ट्रंप के इस एक्शन से साफ इशारा मिलता है कि ड्रेगन के सिर पर पांव धरने की तैयारी है। अमेरिकी फंड के बड़ा हुआ चीन अब उसकी आंख की किरकिरी बन चुका है। वैसे भी चीन आपस में विरोधी पांच एथ्निक (समुदाय) ग्रुप्स का एक यूनियन है और इन्हें कंट्रोल में रखने के लिए चीन सरकार को इंटरनल सिक्यॉरिटी (कहें तो लॉ एंड ऑर्डर) पर सेना से भी ज्यादा खर्च करना पड़ता है। खैर...चीन में इन दिनों कैंटन ट्रेड फेयर चल रहा है। यह ट्रेड फेयर कभी ग्लोबल सिटी बन जाता था और चीन से ज्यादा यहां दुनियाभर के बायर पहुंचते थे। लेकिन ट्रंप के टैरिफ अटैक ने इसका नूर छीन लिया है। 15.5 लाख वर्ग मीटर में आयोजित होने वाले इस ट्रेड फेयर में 30 हजार से ज्यादा डिस्प्ले स्टॉल्स होती हैं। लेकिन इस बार हालात और जज्बात सब बदले हुए हैं। खासकर अमेरिकी विजिटर और ऑर्डर नदारद हैं। कॉनमो इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के मार्केटिंग मैनेजर कैंडिस ली कहते हैं अमेरिका से मेडिकल डिवाइस के ऑर्डर सूख चुके हैं। अब यह लाइफ एंड डैथ का मामला बन चुका है। चीन के लिए चैलेंज यह भी है ट्रंप ने दुनिया के अन्य देशों पर फिलहाल केवल 10 परसेंट बेसलाइन टैरिफ लगा रखा है और भारत, ईयू, यूके, जापान, कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया सहित अमूमन सभी देश अमेरिका के साथ ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत कर रहे हैं। हाल ही चीन ने दावा किया था कि 2024 में उसका ट्रेड सरप्लस 1 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर के रिकॉर्ड लेवल तक पहुंच गया। साथ में लगी टेबल से पता चलता है कि अकेले अमेरिका को वर्ष 2023 में चीन ने 501 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था। कैंटन फेयर में हालांकि यूरोप के कस्टमर हैं लेकिन वॉटर फिल्टर और स्मार्ट टॉयलेट बनाने वाली कंपनी शेन्जेन लैंडुन एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी के कोबे हुआंग कहते हैं कि यूएस मार्केट्स आर फ्रो•ान...। अमेरिकी बायर्स ने वेट एंड वॉच के लिए कहा है बस हालात बदलने की इसी उम्मीद मेंं हैं। ट्रंप के चीन पर रोज-रोज टैरिफ बढ़ा देने से भी अमेरिकी बायर्स फंसे हुए हैं। कैंटन फेयर के आयोजकों ने कहा कि 15 अप्रैल से 5 मई तक चलने वाले मेले के लिए 8 अप्रैल तक लगभग 1.70 लाख विदेशी विदेशी बायर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था जबकि पिछले फेयर में 2.53 लाख ने विजिट किया था। एक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के हेनरी हान कहते हैं कि ट्रंप टैरिफ से बचने के लिए बड़ी तादाद में बायर ऐसे हैं जो फिनिश्ड प्रॉडक्ट के बजाय यहां से कंपोनेंट्स परचेज कर दूसरे देश में असेंबली करवा रहे हैं। मेडिकल डिवाइस कंपनी ली ने कहा रातोंरात नया बाजार नहीं मिल सकता। जल्दी ही काम के घंटों में कटौती करनी होगी और फिर कर्मचारियों की छंटनी शुरू होगी।
