लगता है ट्रंप स्वीपिंग (सबको एक लाठी से हांकना) टैरिफ के फेर में थोड़ा गच्चा खा गए। ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ लिस्ट में 180 से ज्यादा देश शामिल हैं और इनमें एक आईलैंड ऐसा भी जहां आबादी के नामपर सिर्फ पैंगुइन ही हैं। सभी ट्रेड पार्टनर्स पर कम से कम 10 परसेंट टैरिफ लगाने के अलावा इस लिस्ट में सब-अंटार्कटिक हिंद महासागर का निर्जन हर्ड एंड मैकडॉनल्ड्स द्वीप भी शामिल है। खास बात यह है कि यहां कोई रहता ही नहीं तो ट्रंप ने टैरिफ किस पर लगा दिया...पैंगुइन पर? सीआईए वल्र्ड फैक्टबुक ने यूनेस्को की वल्र्ड हेरिटेज लिस्ट में इन निर्जन द्वीपों को 80 परसेंट बर्फ से ढके और स्मॉल एंड रॉकी (छोटे और चट्टानी) के रूप में बताया गया है। वााइट हाउस के एक अधिकारी कहते हैं कि द्वीपों को इसलिए शामिल किया गया क्योंकि वे ऑस्ट्रेलिया का हिस्सा हैं। इन द्वीपों पर सक्रिय ज्वालामुखी और समुद्री जानवरों की भरमार है लेकिन यहां कोई इंसान नहीं रहता। और बड़ी बात इस द्वीपों पर पिछली बार कोई इंसान दस साल पहले गया था। मेनलैंड ऑस्ट्रेलिया के शहर पर्थ से यहां पहुंचने में समुद्री रास्ते से दो सप्ताह लगते हैं। ऑस्ट्रेलिया के एंटनी एल्बानीस ने ट्रंप के मजे लेते हुए कहा...पृथ्वी पर कहीं भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने बताया कि नॉरफॉक द्वीप की आबादी केवल 2 हजार है लेकिन यहां भी 29 परसेंट टैरिफ लगाया है। दूरदराज के दो नॉर्वे के जान मयेन और स्वालबार्ड द्वीपों की कुल आबादी लगभग 2,500 है और ये भी ट्रंप की टैरिफ लिस्ट से बच नहीं पाए हैं। वल्र्ड बैंक के अनुसार अमेरिका ने हर्ड आइलैंड और मैकडॉनल्ड्स आइलैंड्स से 14 लाख डॉलर का इंपोर्ट किया है लेकिन यहां तो कोई इंसान रहता ही नहीं है...फिर यहां से किसने अमेरिका को एक्सपोर्ट किया। और सामान भी कोई ऐसे-वैसे नहीं बल्कि मशीनरी एंड इलेक्ट्रिकल आइटम्स।