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03-04-2025

ट्रंप टैरिफ के बीच मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आठ महीनों के हाई पर

  •  एक ओर डॉनाल्ड ट्रंप के स्पॉइलस्पोर्ट (खेल खराब करना) फैसलों से दुनियाभर में हडक़ंप मचा है वहीं मार्च में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई  रिकॉर्ड 58.1 के लेवल पर पहुंच गया। मार्च का पीएमआई आठ महीनों में सबसे ज्यादा है। फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.3 था जो 14 महीनों में सबसे कम था। ग्राहकों की रुचि में बढ़ोतरी, डिमांड में सुधार और कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में बदलाव के कारण यह सुधार आया है। एचएसबीसी-एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार पीएमआई (परचेज मैनेजर्स इंडेक्स) में यह सुधार कंपनियों को मिले ऑर्डर में तेज ग्रोथ के कारण हुआ है जो जुलाई 2024 के बाद से सबसे ऊंचे लेवल पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है जुलाई 2024 के बाद से मार्च में कुल सेल्स में सबसे ज्यादा ग्रोथ हुई। प्रॉडक्शन और सेल्स में में तेज डिमांड के चलते मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने इस दौरान प्रॉडक्शन काफी बढ़ाया है। हालांकि इस दौरान एक्सपोर्ट सेल्स में थोड़ी गिरावट आई, जो तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। एशिया, यूरोप और खाड़ी के देशों में एक्सपोर्ट बढ़ा है। बढ़ती घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए कई निर्माताओं ने मौजूदा इन्वेंट्री का उपयोग किया, जिससे तीन वर्ष में तैयार माल के स्टॉक में सबसे अधिक गिरावट आई। स्टॉक में कमी ने फर्मों की इनपुट परचेज लगभग सात महीनों में तेजी से बढ़ी।

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ट्रंप टैरिफ के बीच मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आठ महीनों के हाई पर

 एक ओर डॉनाल्ड ट्रंप के स्पॉइलस्पोर्ट (खेल खराब करना) फैसलों से दुनियाभर में हडक़ंप मचा है वहीं मार्च में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई  रिकॉर्ड 58.1 के लेवल पर पहुंच गया। मार्च का पीएमआई आठ महीनों में सबसे ज्यादा है। फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.3 था जो 14 महीनों में सबसे कम था। ग्राहकों की रुचि में बढ़ोतरी, डिमांड में सुधार और कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में बदलाव के कारण यह सुधार आया है। एचएसबीसी-एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार पीएमआई (परचेज मैनेजर्स इंडेक्स) में यह सुधार कंपनियों को मिले ऑर्डर में तेज ग्रोथ के कारण हुआ है जो जुलाई 2024 के बाद से सबसे ऊंचे लेवल पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है जुलाई 2024 के बाद से मार्च में कुल सेल्स में सबसे ज्यादा ग्रोथ हुई। प्रॉडक्शन और सेल्स में में तेज डिमांड के चलते मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने इस दौरान प्रॉडक्शन काफी बढ़ाया है। हालांकि इस दौरान एक्सपोर्ट सेल्स में थोड़ी गिरावट आई, जो तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। एशिया, यूरोप और खाड़ी के देशों में एक्सपोर्ट बढ़ा है। बढ़ती घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए कई निर्माताओं ने मौजूदा इन्वेंट्री का उपयोग किया, जिससे तीन वर्ष में तैयार माल के स्टॉक में सबसे अधिक गिरावट आई। स्टॉक में कमी ने फर्मों की इनपुट परचेज लगभग सात महीनों में तेजी से बढ़ी।


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