देश के प्रमुख डेयरी ब्रांड अमूल का रेवेन्यू दूध और उसके प्रोडक्ट्स की बढ़ती उपभोक्ता मांग के कारण इस वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से अधिक बढक़र लगभग एक लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों की बिक्री करता है। इसके 18 जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ स्थानीय जिला बाजारों में खुद ही बिक्री करते हैं। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा कि अमूल ब्रांड का कुल रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024-25 के लगभग 90,000 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2025-26 में एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की संभावना है। मेहता ने मांग में वृद्धि की उम्मीद जताते हुए कहा कि जीसीएमएमएफ में हम चालू वित्त वर्ष में 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का लक्ष्य बना रहे हैं। उन्होंने जीसीएमएमएफ के 18 सदस्य संगठनों द्वारा अमूल उत्पादों के प्रत्यक्ष विपणन से भी इस वित्त वर्ष में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना जताई। इस तरह अमूल ब्रांड का कुल राजस्व चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। मेहता ने कहा कि गत वित्त वर्ष में जीसीएमएमएफ ने अपने राजस्व में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो मुख्य रूप से सभी श्रेणियों में मात्रा में वृद्धि के कारण 65,911 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 में जीसीएमएमएफ का कारोबार लगभग 59,250 करोड़ रुपये रहा। उन्होंने कहा कि जीसीएमएमएफ ने सभी उत्पाद श्रेणियों में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की। जीसीएमएमएफ दुनिया की सबसे बड़ी किसान-स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था है, जिसके गुजरात के 18,600 गांवों में 36 लाख किसान सदस्य हैं और इसके 18 सदस्य संगठन प्रतिदिन 350 लाख लीटर दूध खरीदते हैं।