भारत के पेंशन नियामक (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट अथॉरिटी ) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के फंड मैनेजर्स के लिए निवेश अवसरों का विस्तार किया है, जिससे इक्विटी, बॉन्ड और वैकल्पिक परिसंपत्तियों (ऑल्टरनेटिव असेट्स) में भागीदारी बढ़ सकेगी। यह बदलाव निवेश नियमों में किए गए व्यापक अपडेट का हिस्सा है। नई गाइडलाइंस के तहत, लगभग 177 बिलियन डॉलर के असेट्स को मैनेज करने वाले पेंशन फंड अब निफ्टी 250 और बीएसई 250 इंडेक्स में शामिल शेयरों में निवेश कर सकेंगे। पहले केवल शीर्ष 200 लिस्टेड कंपनियों में ही इंवेस्टमेंट की अनुमति थी। रिपोर्ट के अनुसार पेंशन फंड्स के एयूएम (प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां) बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में इस कदम से पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने और लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी। क्रेडिट मानदंडों में एक बड़ी ढील देते हुए नियामक पीएफआरडीए ने कहा कि सलेक्टेड डेट सिक्योरिटीज में इंवेस्टमेंट के लिए अब सिर्फ एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की रेटिंग पर्याप्त होगी। नियामक ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट्स) के लिए प्रायोजक रेटिंग की आवश्यकता भी समाप्त कर दी है, जिससे रेवेन्यू जेनरेट करने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट असैट्स में निवेश आवंटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा अब एनपीएस स्कीम्स गोल्ड और ईटीएफ में भी निवेश कर सकेंगी। और यह पहली बार है जब पेंशन फंड्स को कमोडिटी में इंवेस्टमेंट की अनुमति मिली है।