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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’
Honest men are the soft easy cushions on which knaves repose and fatten.
अर्थप्रधान विकास के दौर में देश की राजधानी दिल्ली समेत अनेक शहर Polluted Cities (प्रदूषित शहर) बन रहे हैं जबकि उनमें रहने वाले लोग समझदार एवं समृद्ध ही नहीं......
मानव जीवन रेलगाड़ी की भांति पाप और पुण्य की दो पटरियों पर दौड़ता हुआ इंजन है। मनुष्य अपने दैनिक जीवन में पाप और पुण्य एक साथ करता है। पाप करता है, इसलिये...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......