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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

  • छोटे कारोबारियों की बड़ी ‘सीख’ और ‘सलाह’!...

    नफा नुकसान के माध्यम से हमारा संपर्क बड़ी कंपनियों के साथ-साथ छोटी व मीडियम कंपनियों से भी रोजाना होता है और कारोबारियों से जुड़े रहने की यह सुविधा उनकी काबिलियत, कौशल व स्किल के बारे में एक से
  • बिन COPPER इंडिया कैसे बनेगा आत्मनिर्भर?...

    याद है ना मई 2018 में एक दंगा हुआ और वेदांता ग्रुप को तमिलनाडु के तुतिकोरिन में अपना कॉपर प्लांट बंद करना पड़ गया। इस प्लांट की कैपेसिटी 4 लाख टन सालाना की थी। इस प्लांट पर ताले लगते ही भारत कॉपर के
  • तेजी से बढ़ रहा है इंडिया का...
    भारत का रिटेल सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले महीनों में इसके और तीव्र गति से बढऩे की उम्मीद है, यह जानकारी रिटेलर्स...
  • रैडिसन गु्रप का इंडिया में अपने...
    बेल्जियम मुख्यालय वाले रैडिसन होटल समूह की योजना अगले कुछ साल में भारत में अपने पोर्टफोलियो को दोगुना करने की है। वर्तमान में...
  • इंडियन टेलेंट में छुपी है...
    सॉफ्टवेयर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी जोहो को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने कहा कि विशाल भारत के टेलेंट में राष्ट्रीय विकास के लिए छिपी...
  • सिर्फ आधी योग्य कंपनियों को ही...
    दूरसंचार विभाग के आंकड़ों के अनुसार दूरसंचार विनिर्माण से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 42 पात्र कंपनियों में केवल 21...
  • भारत गौरव ट्रेन से कर सकते हैं...
    दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की आध्यात्मिक यात्रा आने वाले दिनों में सुलभ होने जा रही है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म...
Vichar Sagar
  •  ‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’

    - पी.सी. वर्मा
    ‘‘भय को दूर भगाने के लिए ज्ञान व विवेक की प्राप्ति ही एकमात्र उपाय है।’’
    - सांवरमल सराफ
Thoughts of the time
  •  Every great man is always being helped by everybody; for his gift is to get good out of all things and all persons.

    - John Ruskin
    The difference between what we do & what we capable of doing would suffice to solve most of the world’s problem.
    - Suresh Rathi
Rajasthani Kahawat
घर बैठां दैण कुण करै?
घर बैठे आफत कौन सहे?
  • खामखाह कौन परेशानी उठाये? चलते रास्ते कोई पंगा नहीं लेना चाहता।
-स्व. विजय दान देथा साभार : रूपायन संस्थान, बोरूंद

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