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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
‘‘दृष्टव्य है कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भम्र से बुद्धि व्यग्र होती है जो मनुष्य के पतन का कारण है।’’
Every man should make up his mind that if he expects to succeed he must give an honest return for the other man’s dollar.
अर्थ प्रधान विकास पर आश्रित जिस विकासशील अर्थव्यवस्था के दौर में हम प्रवेश कर चुके हैं उसे सार रूप में Speed Implies Accident वाली व्यवस्था इसलिये कहा जाता है......
कलियुग को कितना भी बुरा कहा जाये लेकिन संसार में महान आत्मों की कमी नहीं हैं जिन्होंने जप, तप और साधना के बल पर संसार को नई दिशा देने का प्रयास किया। उन्होंने...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......